विद्या भारती उत्तर क्षेत्र प्रकाशन विभाग
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की स्थापना वर्ष 1977 में की गई थी।विद्या भारती का उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को ज्ञानवान, संस्कारवान, राष्ट्रभक्त एवं चरित्रवान नागरिक के रूप में विकसित करना है। विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए विद्या भारती ने भारतीय शिक्षा दर्शन तथा भारतीय मनोविज्ञान आधारित पंचपदीय शिक्षण विधि विकसित की है।विद्या भारती – शिशुवाटिका, सरस्वती शिशु मंदिर, सरस्वती विद्या मंदिर, विद्यालय (प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक तथा वरिष्ठ माध्यमिक), संस्कार केंद्र, एकल विद्यालय, पूर्ण एवं अर्द्ध आवासीय विद्यालय और महाविद्यालयों के छात्रों के लिए शिक्षा प्रदान करती है।1946 में कुरुक्षेत्र में श्रीमदभगवदगीता विद्यालय की स्थापना से यह यात्रा प्रारम्भ हुई। आज विद्या भारती के अंतर्गत 12,830 औपचारिक विद्यालय हैं| जिनमें छात्र-छात्राओं की संख्या 34,47,856 है, Read More…प्रशिक्षण विद्यालय व अन्य महाविद्यालय की संख्या 42 है और अनौपचारिक इकाइयों (संस्कार केन्द्र व एकल विद्यालय) की संख्या 11353 है जिनमें 152932 विद्यार्थी 11730 शिक्षकों के मार्गदर्शन में शिक्षा एवं संस्कार ग्रहण कर रहे हैं|
विकास के इस क्रम में 1998 में ‘विद्या भारती उत्तर क्षेत्र’ की स्थापना की गई। ‘विद्या भारती उत्तर क्षेत्र’ का उद्देश्य भी शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को ज्ञानवान, संस्कारवान, राष्ट्रभक्त एवं चरित्रवान नागरिकों के रूप में विकसित करना है। इस अनुरूप आवश्यक पाठ्य संसाधनो की आवश्यकता पूर्ति के लिए सत्र 2010-11 में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र ‘प्रकाशन विभाग’ की स्थापना की गई| प्रकाशन विभाग का उदेश्य भारतीय शिक्षा दर्शन और मनोविज्ञान के आधार पर विद्यार्थी के बहुमुखी विकास के लिए शैक्षिक सामग्री का निर्माण तथा विकास करना है| इस क्रम में प्रकाशन विभाग द्वारा विद्यालयी शिक्षा के लिए विभिन्न विषयों की स्तरीय पुस्तकें प्रकाशित की जा रही हैं| भविष्य में प्रकाशन विभाग की योजना है कि विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तकें न केवल विद्या भारती के विद्यालयों में बल्कि अन्य विद्यालयों में भी शिक्षा और संस्कार प्रदान करने का कार्य करेगी|
Ashok Pal Ji
President
Surinder Kumar Atri Ji
Vice President
Vijay Nadda Ji
Organisation Secretary
BalKishan Ji
Associate Organisation Secretary
Des Raj Sharma Ji
General Secretary
Sh Kulwant Rai Chhabra Ji
Treasurer